तुम सब जानते हो
हकीकत तो तुम सब की जानते हो। !!
जो तुम चाहते हो वही होता है..
तुमसे बड़ा कौन है..तुमसे चुप कौन है..
तुम्हें ने तो सब कुछ दिया है…तुम्हें तो फिर लौटना है..
कौन आया है यह हमेंशा के लिए..
कौन लेके गया है कुछ अपने साथ यह से।
सब तो तुम्हारा ही लिखा है…. सब तो तुम्हारा है..
हकीकत तो तुम सबकी जानते हो..
फिर क्या दिखवा फिर क्या बगावत…
जो तुम चाहते हो वही होता है…
तुमसे बड़ा कौन है..तुमसे चुप कौन है..
हकीकत तो तुम सब की जानते हो..!!
सन्नाटा
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हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है जलता चिराग का रौशनी किसी ने चुराया है इस बहती हवा में अब अलग सा सुकून आया है !
हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है बेरंग सी ज़िन्दगी हो चला है ये हाल ऐ दिल बेख़याली में उतर आया है !
हर तरफ सन्नाटा सा छाया है लगता है अब तो बेवज़ह सी बातों की भी वजह समझ में आने लगा है अब हर तरफ नशा नशा सा आलम छाया है l
बात निकलेगी तो दूर तक जाएगी
बात निकलेगी तो दूर तक जाएगी..
फिर लोगो में बात होगी…लोगो से मुलकत होगी..
लोग पुछेंगे इतना परशान क्यू हो..इतना हेयर क्यों हो..
फिर मैं कहुंगा..लोगो की बातों से..उनकी शिकायतो से.
बात निकलेगी तो घर तक जाएगी।
उन तक बात पाहुचोगी..
फिर उनसे बात होगी…उनके महफिल में सौ बातों की एक बात होगी।
फिर लोग पुचेंगे..इतना मुस्कुराते क्यू हो..इतना घबते क्यू हो
फिर मैं कहूंगा सब महफिल और सोच का नजरिया है। .
जैसे लोग वैसा ही मेरा ज़रिया है।
बात निकलेगी तो घर तक जाएगी.!!
हकीकत
हकीकत तो तुम सब की जाने हो। !!
जो तुम चाहते हो वही होता है..
तुमसे बड़ा कौन है..तुमसे चुप कौन है..
तुम्हें ने तो सब कुछ दिया है…तुम्हें तो फिर लौटना है..
कौन आया है यह हमा के लिए..
कौन लेके गया है कुछ अपने साथ यह से।
सब तो तुम्हारा ही लिखा है…. सब तो तुम्हारा है..
हकीकत तो तुम सबकी जाते हो..
फिर क्या दिखवा फिर क्या बगावत…
जो तुम चाहते हो वही होता है…
तुमसे बड़ा कौन है..तुमसे चुप कौन है..
हकीकत तो तुम सब की जाने हो..!!
नया शहर..!!
नया शहर नया सफर छोड़ के वो पुराना शहर।आ गया हु अजनबी शहर में। एक नयी सी डगर में।
छूट गया वो पुराना सफर। सिर्फ यादों का साथ रह गया। और आँखों में कही बस गया वो पुराना सफर।
इस नये सफर में अब है एक अलग सा जादू।एक नयी सी सि खुशबू एक नया सा सपना। एक नया सा रंग एक नया सा ढंग।आ गया हु इक अजनबी शहर मे एक नई सि डगर में।
ज़िन्दगी
ग़म और ख़ुशी का नाम ही ज़िन्दगी है अगर आज गम है तो कल खुशियाँ हैकभि दूरिया है तो कभि नज़दीकियां है .ज़िन्दगी का मतलब इन दो पहलु से हि जुड़ा है।
ज़िन्दगी कई रंगो से भरा है
बचपन के रंग जवानी के रंग बुढ़ापे का रंग और इन्ही रंगो से बनती है ज़िन्दगी को जीने का ढंग हर रंगों का जादू कुछ साथ भर का है कुछ पल भर का है।
लहरों कि तरह ये ज़िन्दगी है
अपनी मंज़िल से टकराना और आगे बढ़ते रहनाज़िन्दगी का मतलब इन दो पहलू से हि जुड़ा है कभि रंग सा भरा कभि बेरंग सा ज़रा।
ज़िन्दगी का मतलब आना और जाना है
जैसे समुन्दर कि लहरें अपने किनारे से टकराता है
और फिर उन्हीं समुन्दर में कही डूब जाता है।
ये कैसी है पहेली
ये कैसी है पहेली ज़िन्दगी की कभि ख़ुशी है कभि ग़म है किसिके के पास शोहरत है तो कोई बहुत बेबस हैकिसी की ज़िन्दगी रंगो से रंगा है तो किसीके की ज़िन्दगी बहुत बेरंग सा है।ये कैसी है पहेली।।।।
जिधर देखता हूँ मै उधर कोई नया चेहरा दिखता है।
हर कोई अपनी खशी के लिए तर बदर भटकता फिरता है।
हर वक़्त एक नया सा मेला ज़िन्दगी में लगता है। ये कैसी है पहेली।।।।।।
कोइ सब कुछ खो के भी बहुत ख़ुश है।
कोई सबकुछ पाकर भी नाख़ुश है। ज़िन्दगी ही एक पहेली है।और इसी का नाम ज़िन्दगी है.। ।
वक्त यूं ही गुजर जाएगा
वक्त यूं ही गुजर जाएगा…
आज का लम्हा एक याद बन के रह जाएगा..
वक्त के साथ ये रंग ढल जाएगा..
आज की गुस्ताखियां कल बहुत याद आयेगा..
वक्त के साथ सब कुछ बदल जाता है…
जैसा हर मौसम एक जैसा नहीं होता है..
वक्त का एहसास तब होता है..
जब आपका साया हम से दूर हो जाता है।
वक्त किसी का नहीं होता है..
एक पल में वो आगे निकल जाता है..
वक्त यूं ही गुजर जाता है..
जैसे हर तूफान के बाद दिन थाम सा जाता है..
आज का वक्त कल जैसा नहीं होता..
कल का वक्त आज जैसा नहीं होता..
हर वक्त किस्मत बदला है..
हर कोई वक्त से दिखता है..
शैतानियां..!!
शैतानियां तेरी मेरी हर पल..
ना कभी बुझने वाली ये चिंगारिया रात भर..
धीरे धीरे खो रहे थे तेरी बातें में रात भर…
शैतानियां तेरी मेरी हर पल..
बदमाशियां तेरी मेरी हर वक्त..
ना कभी भूलने वाली ये दोस्ती हर डागर।
हर राज का पर्दा खुल चुका था यूं ही बैठे शाम भर..
बदमाशियां तेरी मेरी हर पल…
नदानियां तेरी मेरी हर पल,..
ना कभी टूटे वली रिश्तों का ये सफर..
अपना ये डागर एक दोजे के लिए हो चुका था एक सफर..
नदानियां तेरी मेरी हर पल..
शैतानियां तेरी मेरी हर पल..
वादियों में
इन वादियों में में खो गया हूं..
बादलों में मैं उड़ रहा हूं..
हमें गिरते झरनो से भीग रहा हूं..
अपने सारे गम भूल सा गया हुं..
ये धुंधली धूप का साया
और वो थंडी हवा में बंधा..
उड़ता फिर रहा हूं..
हर लम्हे को खुल कर जी रहा हूं..
ना जाने ये कैसी जगा है..
एक हसीन पल का लम्हा हर जग है..
ना कोई गम ना कोई शिकवे..
हर जग प्यार के चादर में सोटे हुए ये फरिश्ते
इन वादियों में में खो सा गया हूं..
बादलों में मैं उड़ रहा हूं..
वादियों में मैं….
आप वो नहीं होते जो देखते हैं..!!
आप वो नहीं होते जो देखते हैं..
आप वो होते हैं जो चुपटे हैं..
आप सब कुछ जान कर भी क्यों शर्माते हैं..
दिल की बात जुबां पर क्यों नहीं आप लाते हैं..
आप की आंखों में सब कुछ दिख रहा है।
आप की चेहरे को देख कुछ नहीं चुप रहा है..
आप की होठों पर एक अलग सी नामी है..
आप की आवाज़ में वो दर्द दूर दूर तक कोई सुन रहा है..
आप वो नहीं होते जो देखते हैं..
आप वो होते हैं जो चुपटे हैं..
अपने से छुपाना एक साज़ा है..
हर बात पर जड़ जाना आपकी ये कौन सी अदा है..
आप वो नहीं होते जो देखते हैं..
आप वो होते हैं जो छुपाते हैं..!!