Heart Touching शायरी लव स्टोरी
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कभी ख्वाबों में आती हो
कभी नींदों में आती हो
कभी सांसों में समा जाती हो
और कभी कभी लगता है तुम मेरे दिल से क्यों नहीं जाती हो
शायद यही हमारी सच्ची कहानी है क्यों रातों में जगाती हो
और परछाई बनकर मेरे साथ रह जाती हो
जमाना बदल रहा है पर तुम्हारी याद वहीं थम जाती है
फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम यूट्यूब कर दो बंद
पर भी तुम मेरे दिल की धड़कन हो
इधर उधर सर्च करना छोड़ दो
बस तुम मुझे वैलेंटाइन डे के देना प्रपोज कर दो
बस यही मेरी तुम से गुजारिश है गुजारिश है….i love uu
रोशनी शायरी Romantic शायरी
रोशनी से तुम बनी हो या रोशनी तुमसे
रौशनी से तुम बनी हो।
या रौशनी तुमसे। .हुस्न कि तुम परी हो।
मेरी आँखों की तुम्ही रौशनी हो। किस सितारो पे तुम रहती हो।
वहाँ से तुम क्या क्या केह जाती हो।
अक्सर उड़ कर मिलने जाता हु तुमसे.
तुम बादलों में कही छिप जाति हो.रौशनी से तुम बनी हो या रौशनी तुमसेतुम मेरे ख्यालों की एक लड़ी हो
मेरे आँखों की तुम्ही रौशनी हो। तुम सिर्फ मेरी और मेरी हो।
तस्वीर स्टेटस
तेरी तस्वीर
तेरी ज़ुल्फ़ों में बंद वो खुशबू चारो तरफ बिखर रहि थी।
तेरे चेहरे पर वो ख़ामोशी मुझसे बहुत केह रही थी।
बस करे तो मैँ हरदिन तेरी ज़ुल्फ़ों में खोया रहूँ ।
तेरी खामोशियों को पढ़कर एक साज़ दिया करुँ ।
तेरी होठों के वो शबनम छूने को केह रही थी।
तेरे चेहरे पर बिखरे हुए ज़ुल्फ दिन को रात कर रही थी।
सच कहुँ तो तेरी ये तस्वीर मेरी राहत है। तुझे हर रंगों से रंग देने की मेरी चाहत है।
बेवजह शायरी
बेवज़ह सी बातें हर वक़्त तुमसे होना।
बेवजह मेरा और तुम्हारा मिलना।
सबकुछ बेवजह सा यूं ही हो जाना।
कुछ तो वजह है इन बेवजह सी हालातों का होना।
सारी रातें बेवज़ह मेरा जगना।तारों से बातें किया करना।
फिर उन तारों में तुमको देखना।बेवजह सी रातों का यूँ ही कट जाना।
बेवजह तुम्हारी आंखें मेरी आँखों से मिल जाना ।
फिर तुम्हारा यूँ ही मुस्कुराना ।
बेवजह लम्हों का धागा सा बंध जाना।
बेवजह किसी को याद कर यूँ ही आँखे नम नहि होती है
दो पल का ही मिलना सही पर उसमे भी कुछ न कुछ तो वजह होती है।
बेवज़ह सा मैं और तुम।
नहीं समझा तुमने मुझे कभी..!!
मेरी आरज़ू..मेरी जज्बात तुमने नहीं समझा..
मेरी चाहत मेरी दिल की बात तुमने नहीं समझा..
जो मैंने कहना चाहा वो तुम्हारे कुछ और ही समझ..
दिल से चाहा था तुमे..हमेशा मांगा था तुम…
बरसो चुकंदर गए यूं ही तुमसे बात किए..
तारस गया दिल तुमसे अपनी दिल की बात कहने के लिए..
नहीं समझे तुम मुझे कभी..
और ना समाधान चाहा तुमने मुझे कभी…
मेरी आरज़ू..मेरी चाहत…और मेरी कितनी सारी अधूरी बातें..
अब बहुत दूर हो गया हूं तुमसे
नहीं याद करुंगा अब कभी तुम्हारे।
नहीं समझ तुम मुझे कभी..
किसके जाने के बाद
किसके जाने के बाद…क्यूं आता है उनकी छोटी छोटी बातों का ख्याल…
किसके जाने के बाद…सिर्फ रह जाती है उनकी यादों का साथ…
लोग आते हैं..फिर चले जाते हैं..
छुट जाता है हमा के लिए उनका साथ….
सिर्फ रह जाती है..उनकी यादें।
और फिर कुछ सूना सा हो जाता है जिंदगी
किसके जाने के बाद..
किसके जाने के बाद…याद आती है उनकी हर छोटी छोटी बात..
उनके साथ बिटाया हुआ हर एक पल का साथ..
लोग चले जाते हैं फिर कभी नहीं आते…
बस रह जाति है उनकी यादें।
किसके जाने के बाद……
तुम जब मुसकुरते हो…
तुम जब मुसकुरते हो…सब की धड़कन यूं ही बढ़ते हो…
जब तुम ऐसे मस्कुराते हो..
सब की नज़रों को पल में ही चुरा लेते हैं…!!!
तुम्हारा यूं मुसकुराना, और दूसरे के चेहरे पर वो मुस्कानाहत लाना, दे जाति है दिल में वो गुडगुड़ाहट, और आ जाती देख तुमको सब के चेहरे पर वो मुसकुराहत…!!!
कहां से आई ऐसी मुस्कान… दिल को सुकून देने के लिए है वो एक आहट..
हो जाति है देख तुमसे ही चाहत देख कर तुम्हारे चेहरे पर वो मुस्कुराहट….!!!
इतना न मुसकुराया करो, सब की धड़कन ऐसे न बढ़ाय करो..
मस्कुराते मस्कुराते ऐसे न दिलको बेवजाह घायल बनाया करो..
फिसाल जाता है दिल देख कर तुम्हारे चेहरे पर वो मुस्कुराहट, बेचारा सा हो जाता है दिल सोच के वो मुसकुराहत..
काश तुम इस्तिरा मुस्कुरते रहो…
सब की धड़कन यूं ही बढ़ते रहो..
और ये मुसकुराहत अपने चेहरे पर इसितारा सजाते रहो….!!
दिल लगाना भी इतना आसान नहीं होता है.
अगर दिल टूट जाए तो शोर नई होता..दिल पर किसी का जोर नई होता …. हर किसी का दिल मजबूर नई होता…
दिल लगाना भी इतना आसान होता है..
हर कोई किसी पर इतना मेहरबान एनआईआई होता… किसी को दिल से निकालना भी इतना आसान होता है…
ये प्यार हर किसी को होता है…दिल की बात जुबां पे लाना इतना आसान होता है…
ये प्यार पाना भी इतना आसान नहीं होता..
दिल पर किसी का ज़ोर नई होता…हर कोई किसी पर इतना मेहरबान नई होता..
अगर दिल टूट जाए तो शोर नई होता.
ये काली रात में…
ये काली रात में…वो ठंडा चांद का एहसास…
ये बेहती हवा में..वो ठंडापन का एहसास..
ये रात..ये हवा..ये चांद में वो सुकून पाने का एहसास…
क्या एहसास में अपना का है साथ..
वो मीठी बात…और वो प्यार भारी रातों की याद….
ये रात में खो जाने का एहसास…और फिर वो सुकून पाने का एहसास..
ये बदलो की गजने की आवाज…
फिर वो बरसात पानी की आवाज़..
ये समा…ये वक्त…ये पल में धीरे धीरे खो जाने का एहसास…
फिर वो रात में ठंडा चाँद का एहसास…
और वो सारे आराम पा जाने का एहसास…!!
ना जाने क्यों
ना जाने क्यों है दोस्ती में तुमसे प्यार हो गया…
ना जाने क्यों मैं तुमसे इतना करीब हो गया…
ये पागल दिल तुमसे क्यों दिल लगा बैठा…
दोस्ती को कुछ और ही समझ बैठा है….
ना जाने क्यों तुमसे इतनी सारी बातें कह गया…
ना जाने क्यों इतना सब कुछ कैसे हो गया…
सोचा था यही होती है सच्ची दोस्ती..
पर धीरे धीरे सब कुछ दुआ हो गया…
ना जाने क्यों अब सब कुछ रख सा हो गया…
ना जाने क्यों अब सब कुछ अजनबी सा हो गया..
ना जाने क्यों मैं तुमसे इतना करीब हो गया..
और ना जाने क्यों है दोस्ती में तुमसे प्यार हो गया…!!!!
ये दिल…इतना क्यों मचालता है
ये दिल….इतना क्यों मचालता है..
क्यों किसी को याद किया करता है..
अब तो ये सारे शिकायते अपने आप से ही करता है…
अब सब कुछ तन्हा सा लगता है….
ये दिल अकेला रहने को क्यों कहता है…
अब तो किसी से दिल लगाने को भी ये मुकरता है…..
ये दिल…इतना क्यों मचालता है…
कभी यहां तो कभी वहां उड़ता फिरता रहता है…
ये देखता है…तू ता है…
ये अब संभले बिना एनआई सम्भलता है….
फिर भी ये दिल पल पल धरकता है…
ना जाने क्यों इतना मचलता है…!!!